ट्रैवलर दिग्विजय सिंह महारा द्वारा शेयर किया श्री बाबा रुद्रनाथ जी की यात्रा का यह ट्रवेलोग पढ़ें और जानें की उनका अनुभव कैसा रहा।
श्री बाबा रुद्रनाथ जी की यात्रा के दौरान बीच में एक पड़ाव पड़ता है, नाम- ल्यूटी। एक साँस क़दम, फिर ठहराव, और फिर क़दम। पहाड़ी चढ़ते वक़्त, जबकि आपको पता हो कि सफ़र ज्यादा है, आपका पूरा ध्यान साँस और कदमों के बीच तारतम्य बनाने में रहता है। क्योंकि साँस उखड़ी तो कदम लड़खड़ाने लगेंगे और उतनी दूरी देखकर हिम्मत और जवाब देने लगेगी। खैर इसी खेल में अचानक से हमारी नज़र इस कुत्ते पर गई। अमूमन इस प्रजाति के कुत्ते शांत, गम्भीर और जरूरत पड़ने पर बाघ से तक लड़ने का माद्दा रखते हैं। ऐसा ही एक कुत्ता मेरे पास भी 13-14 साल तक था।
पहले तो चढ़ती साँस और अचानक से इसको जंगल चीर के आते देख कदम वैसे ही ठिठक पड़े पर श्वान प्रजाति में सबसे अच्छी बात यही होती कि पूंछ हिलाकर या भौंक कर वो अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर देते हैं। ये भी पूंछ हिलाकर हमारी ओर बढ़ा। इसके गले में काँटों वाला पट्टा बंधा था। ये एक शिकारी कुत्ता होगा और बुग्याल में भेड़-बकरियों के झुंड को लेकर चलता होगा। वैसे बाघ-भालुओं जैसे जंगली जानवरों से भी इनकी सुरक्षा के लिए काँटों वाला पट्टा इनको पहनाया जाता है। ये आराम से हमारे साथ बैठा, और अच्छी सी फ़ोटो लेने दी। कुछ पल ही साथ बैठकर इसने हमारी सारी थकान दूर कर दी।
शहरों में तो नहीं पर गॉवों में आज भी अगर आप घर से दूर निकलते हैं तो कोई न कोई परिवार का सदस्य कुछ दूर तक साथ आता है, ये बताने के लिए कि हम भी साथ ही हैं। फिर जब आप दूर निकल आते हैं तो वो वही से टकटकी लेता है और इशारों और निगाहों में आपसे अलविदा लेता है।
ठीक वैसे ही हमारे ल्यूटी से चलने पर ये हमारे साथ कुछ दूर तलक चला। और फिर हमें आगे के सफ़र की शुभकामनाएं देता हुआ, उस परिवार के सदस्य के भाँति टकटकी लगाए देखता रहा।
हमनें भी आँखों ही आँखों में उससे अलविदा ली और चल पड़े।
READ TRAVELOGUES WRITTEN BY TRAVELLERS THEMSELVES!
Thanks TourismBharat❤️
Bahot khoobsurat anubhav???
“A little goes a long way “ keep going and growing??
Wonderful ??
Love for Pahad & our culture
❤️
Keep it up…..badiya likha hai aapne ..